कभी कभी
अकेले बैठे मैंने सोचा है
तुम्हारे बारे में
यूँ ही
अगर तुम साथ हो तो
दुनिया बड़ी अपनी अपनी सी लगती है
ये आस पास
आते जाते लोग
उनके चेहरे की आशाएं
खुशियाँ
कभी कभी उदासी
गुस्सा
चिढ
सब जानने का मन करता है
मन करता है
उनमें खुशियाँ भर दूँ
उनका गुस्सा
उनकी चिढ उदासी
उलीच उलीच कर फेक दूँ
उनके अन्दर से
दूर कहीं
कि उनको छु भी न पाए
और
बस
प्यार ही प्यार भर दूँ
ढेर सारा
तुम्हारे साथ होने पे ऐसा लगता ही है
कि वक़्त बहुत कम है !
और काम बहुत ज्यादा
जिंदगी !!
अकेले बैठे मैंने सोचा है
तुम्हारे बारे में
यूँ ही
अगर तुम साथ हो तो
दुनिया बड़ी अपनी अपनी सी लगती है
ये आस पास
आते जाते लोग
उनके चेहरे की आशाएं
खुशियाँ
कभी कभी उदासी
गुस्सा
चिढ
सब जानने का मन करता है
मन करता है
उनमें खुशियाँ भर दूँ
उनका गुस्सा
उनकी चिढ उदासी
उलीच उलीच कर फेक दूँ
उनके अन्दर से
दूर कहीं
कि उनको छु भी न पाए
और
बस
प्यार ही प्यार भर दूँ
ढेर सारा
तुम्हारे साथ होने पे ऐसा लगता ही है
कि वक़्त बहुत कम है !
और काम बहुत ज्यादा
जिंदगी !!
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