Saturday, April 26, 2014

ख़ुशी !!

क्या कहूँ
कितनी ख़ुशी मिली
देख कर..

जिस गुलाब के पोधे
को
सूखने से
बचाने  की
इतनी
कोशिश
की थी ..

पत्तियां..
सूख़
गयी थी
 जिसकी ...
एक एक कर |

फिर भी
डालती रही
उसमें
पानी ..

कि
क्या पता ?

और आज सुबह
नयी
पत्तियां निकल
आयीं है
उसमें |


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