Friday, March 24, 2017

गायकवाड़ साहब की मुश्किल है!


बिज़नेस क्लास की टिकट पर हमें इकनॉमी में उड़ाते हो,
फ्रंट रो में बैठा कर कॉम्पेनसेट कराते हो।
ये बात और है कि तुमने हमें बताया था,
पर हमारे साथ ऍम. पी . होने का स्टेटस भी तो आया था।

25 चप्पल ही तो मारे हमने ,
वो 60 साल का था और चला था मैनेजर बनने,
शिक्षक होने का गुरूर है हममें,
और पहले भी तो संसद   के मेस में कमाल  दिखाया था हमने ,
ऐसे ही थोड़े चुन  के  आएं हैं ,
जनता को हमने बहुत चूने लगाए हैं ,

पर तुमने तो हमारे उड़ने पे बैन लगा दी है।
और रेलवे की लेट चलती ट्रेनों ने हमारी नींद उड़ा दी है।
हमने भी अपनी प्रध्यापिका से तुम्हारी शिकायत लगा दी है ।
बड़ी मुश्किल है ,
ये स्टेटस और अहं के चक्कर में फँसी अपनी साइकिल है।

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